कश्मीरा की आंखो से आंसू बह रहे थे , रक्षक उसके ऊपर अपनी मर्जी चला रहा था । लेकिन उसमे इतनी ताकत नहीं थी की वो इस राक्षस को खुद से दूर कर सके , थक हर कर कश्मीरा ने खुद को रक्षक हवाले कर दिया ।
कुछ देर बाद दोनो के कपड़े जमीन पर बिखरे हुए बड़े थे , उस रूम का माहोल पूरा गर्म हो चुका था और वहां कश्मीरा की तेज सांसे और गर्म आहें सुनाई दे रही थी ।

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